भारत सरकार ने 2025 में पैन कार्ड से जुड़े कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो हर पैन कार्ड धारक को प्रभावित करेंगे। ये बदलाव डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत कदम माने जा रहे हैं। यदि आपके पास पैन कार्ड है, तो इन नए नियमों की जानकारी रखना आपके लिए जरूरी है। आइए, आसान भाषा में जानते हैं इन नियमों के बारे में।
पैन कार्ड 2.0: अब पैन हुआ डिजिटल और स्मार्ट
सरकार ने पैन 2.0 की शुरुआत की है। इसके तहत नया पैन कार्ड डिजिटल और पूरी तरह पेपरलेस होगा। इसमें QR कोड जोड़ा गया है, जिससे कार्ड की जानकारी स्कैन करके तुरंत हासिल की जा सकेगी।
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पुराने पैन कार्ड धारकों को नया कार्ड लेना जरूरी नहीं है।
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अगर आप चाहें, तो बिना किसी शुल्क के इसे अपग्रेड कर सकते हैं।
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इससे KYC की प्रक्रिया आसान होगी और समय की बचत होगी।
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यह बदलाव लगभग 780 मिलियन पैन धारकों के लिए उपयोगी है।
आधार से लिंक करना अब पूरी तरह जरूरी
सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। अगर आपने 31 दिसंबर 2025 तक पैन को आधार से लिंक नहीं किया, तो आपका पैन निष्क्रिय (Inactive) हो सकता है।
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निष्क्रिय पैन से ITR दाखिल नहीं किया जा सकेगा।
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बड़े लेनदेन करना भी मुश्किल हो जाएगा।
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जिन लोगों ने केवल एनरोलमेंट ID से पैन बनवाया था, उन्हें आधार नंबर अपडेट करना जरूरी है।
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ऐसा न करने पर ₹1000 का जुर्माना लग सकता है।
एक व्यक्ति, एक ही पैन कार्ड
अगर आपके पास एक से ज्यादा पैन कार्ड हैं, तो तुरंत उनमें से अतिरिक्त कार्ड को सरेंडर करें।
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नए नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति के पास केवल एक ही पैन कार्ड होना चाहिए।
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डुप्लिकेट पैन कार्ड पाए जाने पर ₹10,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
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पैन 2.0 में QR कोड के जरिए ऐसे मामलों को पकड़ना अब आसान हो गया है।
बड़े वित्तीय लेनदेन में पैन अनिवार्य
सरकार ने कई बड़े लेनदेन के लिए पैन नंबर देना जरूरी कर दिया है। ये नियम पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं:
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₹2.5 लाख से ज्यादा के किसी भी लेनदेन में पैन नंबर जरूरी
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₹10 लाख से ज्यादा की नकद जमा या FD में पैन अनिवार्य
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₹30 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में पैन जरूरी
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क्रेडिट कार्ड से ₹1 लाख नकद या ₹10 लाख से ज्यादा अन्य भुगतान पर भी पैन देना जरूरी
इन नियमों का पालन न करने पर TDS की दर दोगुनी हो सकती है।
सामाजिक समावेश की दिशा में कदम
नए नियमों में सिंगल मदर और थर्ड जेंडर के लिए भी राहत दी गई है:
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अब सिंगल मदर अपने बच्चे के पैन कार्ड में केवल मां का नाम दर्ज करवा सकती हैं।
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थर्ड जेंडर के लिए भी अब पैन आवेदन फॉर्म में विकल्प मौजूद है।
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यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया गया है, जो समानता और समावेश की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
पैन कार्ड की जानकारी कैसे अपडेट करें?
अगर आपको पैन कार्ड में कोई जानकारी जैसे नाम, पता या जन्मतिथि बदलनी हो, तो आप यह काम अब आसानी से ऑनलाइन कर सकते हैं।
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NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर जाकर
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“Changes or Correction in PAN Data” फॉर्म भरें
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आधार, नाम, और संपर्क जानकारी दर्ज करें
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दस्तावेज अपलोड करें
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भारत में ₹50 और विदेश में ₹959 का शुल्क दें
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पैन 2.0 पोर्टल पर यह सेवा मुफ्त में उपलब्ध है
ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?
सरकार का उद्देश्य इन बदलावों के जरिए वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाना और टैक्स चोरी को रोकना है। पैन कार्ड को डिजिटल बनाकर न सिर्फ प्रक्रिया को आसान किया गया है, बल्कि धोखाधड़ी की संभावना भी कम हो गई है।
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डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
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टैक्स नियमों का पालन आसान होगा
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वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता आएगी
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आम जनता को लाभ मिलेगा
निष्कर्ष: नियमों का पालन करें और दिक्कतों से बचें
अगर आप एक पैन कार्ड धारक हैं, तो इन नए नियमों की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। आधार से लिंकिंग, डिजिटल अपग्रेड, और बड़े लेनदेन में पैन की अनिवार्यता जैसे बदलाव न सिर्फ सरकार की पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश हैं, बल्कि आम जनता को भी इससे सुविधा मिलेगी।
अभी समय है, अपने पैन कार्ड को अपडेट करें, डुप्लिकेट कार्ड सरेंडर करें और समय रहते आधार से लिंक करवाएं, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।
अधिक जानकारी के लिए incometax.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
Disclaimer:
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी वेबसाइटों पर आधारित है। कृपया सटीक जानकारी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए आधिकारिक वेबसाइट या अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।